Tag Archives: Friends

शहर


सड़क पर पड़े थे तब लाश समझ कर गुजर गए,
अब ख़ामोश हैं तो शिकायत है कि पराया कर दिया।

हमने सुना था बेवफ़ाई हसीनों की दौलत होती है,
शुक्रिया, तुमने मुझे और भी सयाना कर दिया। Continue reading शहर

शेर-ओ-शायरी


नाज़ है मुझे अपने दोस्तों पर “क़ैस”,
आवाज़ सुनकर बता देते हैं आँखों का हाल।।
#क़ैस

ख़याल


कुछ दोस्त रह रह कर याद आते हैं,
और रह रह कर याद आते हैं उनके साथ बिताये पल।
रह रह कर याद आने का मतलब समझते हैं आप?
याद है आखिरी बार सिसकी1 कब ली थी?
#कैस


मायने ⇒

शब्द अर्थ
सिसकी लम्बी लम्बी साँसें ले कर रोना

मेरी दोस्ती मेरा प्यार


हमेशा चहकती रहती थी वो, चिड़िया सी फुदकती रहती थी। स्वभाव से चंचल थी, बहुत बातूनी भी। दिल की साफ थी, भोली थी एकदम, चालाकी तो उसे छूकर भी नहीं गई थी। कभी-कभी सोचता था कि ये दुनिया इतनी जालिम है इसमें इसका निबाह कैसे होगा, एक दो बार उससे कहा भी। पर वो हमेशा खुद को तसल्ली देकर मुझे रोकने की मुद्रा में अपना एक हाथ मेरी तरफ करके कहती – लव, सब हो जाएगा।

Continue reading मेरी दोस्ती मेरा प्यार

नजदीकियाँ फिर दूरियाँ बन गयीं


relation

दूरी बनाम नजदीकी, क्या बेहतर है? बेश़क जवाब नजदीकी ही होगा। हो भी क्यों ना, कौन चाहता है दूरियाँ!!!
नीचे की दो घटनाओं पर गौर फरमाइये-

  1. घटना 15 सितंबर को जयपुर से अलवर यात्रा की है। ट्रेन में एक आदमी गुस्से में भरकर दूसरे दोस्त को फोन लगाता है और जोर जोर से बात कर रहा है- “तुमने मुझे Whatsapp Group से क्यों हटाया, दोस्ती खतम हो गयी क्या, या अब हमारी जरूरत नहीं रही
    Continue reading नजदीकियाँ फिर दूरियाँ बन गयीं