कौन कहता है मुश्किल है इंसान को मारना,
लहज़ा बदल, अंदाज़ बदल, नजरें बदल और मार दे।
#Received on Whatsapp
इल्ज़ाम लगाते हो लहज़े, अंदाज़ औ नज़रों पे,
तुमने कभी उसको मुस्काते नहीं देखा होगा।
#क़ैस
उसकी नज़रों ने ले लिया क़त्ल का पूरा इल्ज़ाम,
जमाना बेख़बर है उसकी क़ातिल तबस्सुम से।
#क़ैस
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